सागर । जिले के ऐतिहासिक ग्राम धामोनी, जो राजा सूरतशाह की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, में जनजातीय गौरव दिवस उत्साहपूर्ण और गरिमामय तरीके से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा सहित जनजातीय महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। इस अवसर पर वनवासी विकास परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष संजय सिंह भदौरिया, प्रांत सह संगठन मंत्री तुलसी तिवारी, नारायण सिंह कबीर पंथी, जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह धुर्वे, महानगर अध्यक्ष भूपति सिंह मरकम सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
सेवानिवृत्त सचिव एवं वरिष्ठ प्रशासक डॉ. श्याम सिंह कुमरे ने कहा कि जनजातीय समाज की सांस्कृतिक विरासत, प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और सामुदायिक जीवन भारतीय सभ्यता की मूल शक्ति है। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा जैसे महान सेनानियों के आदर्श नई पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति और साहस की प्रेरणा देते हैं।
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्र संगठन मंत्री सुभाष बडोले ने कहा कि जनजातीय समुदाय ने अपनी परंपराओं, प्राकृतिक जीवन शैली और सामाजिक मूल्यों को संरक्षित रखकर पूरे समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने जनजातीय नायकों के संघर्ष और बलिदान को भी याद किया।
क्षेत्रीय महिला प्रमुख शशि ठाकुर ने रानी दुर्गावती और रानीवती जैसी वीरांगनाओं के पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि जनजातीय नारी शक्ति सदैव नेतृत्व, साहस और त्याग का प्रतीक रही है।
कार्यक्रम में ग्रामीणों ने अतिथियों का स्वागत पत्तों से बने मुकुट पहनाकर किया। कविता लारिया द्वारा गीत प्रस्तुति, पारंपरिक नृत्य तथा दिव्यांशी द्वारा लोक नृत्य ने वातावरण को उत्सवमय बना दिया।
कार्यक्रम में राजेश सोयाम,महेन्द्र गुप्ता, बलराम पाराशर, पंकज मुखारया, हेमंत दुबे, अजय पहारिया, मनीष नेमा, रामकेश तेकाम, मुन्ना लाल सलेमपुर सहित पंचायत पदाधिकारियों तथा ग्रामीणजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वनवासी विकास परिषद प्रांत उपाध्यक्ष संजय सिंह भदौरिया ने किया