सागर/मकरोनिया के नरवानी रोड पर पुराना पानी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास गोपाल कृष्ण शास्त्री श्री धाम वृन्दावन ने,भगवान की अनेक बाल लीलाओं का वर्णन किया,साथ ही कंस द्वारा बाल कृष्ण को मारने भेजे गए अनेक दैत्यों के मर्दन का प्रसंग सुनाया,व्यास जी ने पूतना प्रसंग सुनाते हुए बताया की पूतना पूर्व जन्म में राजा बली की पुत्री रत्नमाला थी,जब वामन अवतार में भगवान विष्णु राजा बली से तीन पग भूमि मांगने पहुंचे थे,तब रत्नमाला भगवान के वामन रूप को देखकर मोहित हो गई,और मन ही मन उन्हें पुत्र रूप में पाने की अभिलाषा की,परन्तु जब भगवान ने विराट रूप धारण किया तो रत्नमाला भगवान के छल से क्रोधित हो गई और उसने मन में सोचा की यदि ये मेरा पुत्र होता तो उसे विष दे देती,व्यास जी ने आगे कहा की भगवान तो अंतर्यामी है, और उन्होंने रत्नमाला की दोनों इच्छाओं को तथास्तु कह दिया,जिसे भगवान ने कृष्ण अवतार में पूरा किया,व्यास जी ने कहा भगवान के प्राण लेने आई पूतना को भी भगवान ने मां की गति दी,और पूतना का उद्धार हो गया।कथा के पांचवे दिन,चैन सिंग यादव,आकाश,यादव,आरती यादव,दयाराम पटेल,जगदीश पटेल,रूपसिंह पटेल,दौलत पटेल,अरविंद पटेल,सहित अनेक भक्त उपस्थित रहे।
भगवान की बाल लीलाओं के साथ,सुनाया गया पूतना उद्धार प्रसंग