सागर ।एनआईडीडीसीपी के अंतर्गत 22 अक्टूबर के वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है इस अवसर पर डॉ. नीना गिडियन क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें सागर संभाग सागर द्वारा जन-जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तत्पश्चात् जिला चिकित्सालय परिसर में उपस्थित समस्त आशा कार्यकर्ता, चिकित्सक, स्टॉफ को शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर डॉ आर. एस. जयंत सिविल सर्जन, डॉ विपिन खटीक, डीआईओ, डॉ बृजेश यादव शिशु रोग विशेषज्ञ, नर्सिंग ऑफिसर, नर्सिंग ट्यूटर, नर्सिंग स्टूडेंट, ज.चि. सागर, डॉ अचला जैन डीएचओ, श्रीमति जाली शाबू डीपीएचएनओ, डी.पी. राय प्रभारी डिप्टी मीडिया अधिकारी, आशा कार्यकर्ता, 108 स्टॉफ अधिकारी/कर्मचारी समस्त स्टाफ व मरीज आदि उपस्थित रहें ।
डॉ. नीना गिडियन क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाये सागर संभाग सागर ने बतलाया कि आयोडीन युक्त नमक का सेवन महत्वपूर्ण है क्योकि इससे बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास में वृद्धि होती है। तथा इससे होने वाली विकृतियों को रोका जा सकता है।
डॉ ममता तिमोरी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सागर जानकारी दी की वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन केवल 150 माइक्रोग्राम सुई की नौक के बराबर मात्रा में आयोडीन की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ती होना अत्यंत आवश्यक है अतः आप सभी से अनुरोध है कि आप सभी आयोडीन नमक का उपयोग दैनिक आहार में सुनिश्चित करें एवं समुदाय के अन्य लोगों को भी आयोडीन नमक के महत्व को जन जागरूक करें।
जॉली शाबू नोडल अधिकारी एनआईडीडीसीपी ने बतलाया कि, आयोडीन युक्त नमक का उपयोग प्रतिदिन, बुद्धि और स्वास्थ्य सुरक्षित हर दिन, आयोडीन युक्त नमक की थैली पर हँसते हुये सूरज का निशान बाला ही नमक का उपयोग करें, इसके उपयोग न करने से होने वाले दुष्प्रभाव जैसेः गर्भ में पल रहे शिशु का कम मस्तिष्क विकास, गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म या जन्म लेते ही शिशु की मृत्यु, बुद्धि का कम विकास, थकावट, उर्जा ही शरीर, भेंगापन, गूंगा, बहरापन, घेघा रोग आदि विकृति हो सकती है, साथ ही आयोडीन युक्त नमक के रोजाना प्रयोग के लाभः-स्वस्थ्य बच्चे का जन्म, गर्भ में पल रहे शिशु का शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्ण विकास, तेज दिमाग, बच्चे का कक्षा में बेहतर प्रदर्शन एवं अधिक कार्यक्षमता इत्यादि लाभ हैं।