ज्ञान गुण सागर/सागर। सागर में क्षत्रिय महासभा समाज के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम दो ज्ञापन सौंपे।
क्षत्रिय महासभा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापना में हो रही अनावश्यक देरी पर चिंता जताई है, वहीं सागर जिले के जैसीनगर में 25 सितंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक जनसभा के दौरान जयसिंह नगर का नाम बदलकर जय शिव नगर किए जाने की घोषणा की थी। नाम परिवर्तन की इस घोषणा के बाद दांगी क्षत्रिय समाज ने विरोध जताया है। सोमवार को समाज के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और इस फैसले को वापस लेने की मांग की।

दांगी समाज के अनुसार, जयसिंह नगर की स्थापना सन 1679 में दांगी क्षत्रिय शासक जय सिंह देव ने की थी। उन्होंने वहां तालाब और किले का निर्माण कर नगर बसाया था, जो उनके नाम पर जयसिंह नगर कहलाया। यह नाम राजस्व रिकॉर्ड और ऐतिहासिक दस्तावेजों में आज भी दर्ज है
पत्र में उल्लेख किया गया है कि सागर जिले के इतिहास में दांगी क्षत्रिय शासक जयसिंह देव का महत्वपूर्ण स्थान रहा है, जिन्होंने 1206 से 1732 ईस्वी तक शासन किया। वर्तमान सुरखी विधानसभा क्षेत्र का जयसिंह नगर भी दांगी क्षत्रिय शासकों की राजधानी का केंद्रीय प्रशासनिक गढ़ हुआ करता था। कई ऐतिहासिक दस्तावेजों में भी जयसिंह नगर का नाम दर्ज है।
ज्ञापन में दांगी समाज ने कहा कि यदि 5 अक्टूबर तक मुख्यमंत्री द्वारा की गई नाम परिवर्तन की घोषणा निरस्त नहीं की जाती, तो समाज सागर जिले से लेकर पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेगा।