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मीडिएशन फॉर द नेशन” (दिनांक 01 जुलाई, 2025 से 07 अक्टूबर, 2025) 90-दिवसीय विशेष अभियान के माध्यम से सागर जिले में लगभग कुल 250 एवं संपूर्ण प्रदेश में कुल 4,552 मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा

मीडिएशन फॉर द नेशन" (दिनांक 01 जुलाई, 2025 से 07 अक्टूबर, 2025) 90-दिवसीय विशेष अभियान के माध्यम से सागर जिले में लगभग कुल 250 एवं संपूर्ण प्रदेश में कुल 4,552 मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा
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सागर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (MCPC) के निर्देशों के अनुसार, 01.07.2025 से 07.10.2025 तक “मीडिएशन फॉर द नेशन” नामक एक विशेष अखिल भारतीय अभियान शुरू किया गया। इस 90-दिवसीय गहन अभियान का उद्देश्य राज्य भर में तालुका न्यायालयों से लेकर उच्च न्यायालयों तक न्यायपालिका के सभी स्तरों पर मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों का निपटारा करना था। माननीय न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा, मुख्य न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं संरक्षक, मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रेरणा से और माननीय न्यायमूर्ति अतुल श्रीघरन, कार्यकारी अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कुशल मार्गदर्शन में, यह अभियान न्यायालयों में लंबित मामलों का उचित समाधान करने और मध्य प्रदेश के कोने-कोने में विवाद समाधान के एक उपयोगकर्ता अनुकूल माध्यम के रूप में मध्यस्थता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया गया। अभियान के दौरान, मध्यस्थता के माध्यम से कुल 4,552 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया, जिनमें काफी संख्या में लंबे समय से लंबित पुराने मामले भी शामिल थे। निपटाए गए मामलों में वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, बंटवारा, बेदखली, भूमि अधिग्रहण और अन्य उपयुक्त दीवानी मामले शामिल थे।

माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर श्री महेश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में सागर जिले के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित लगभग 250 मामलों का निराकरण मध्यस्थता के माध्यम से किया गया।

उल्लेखनीय है कि “मीडिएशन फॉर द नेशन” अभियान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) द्वारा 1 जुलाई, 2025 से शुरू की गई एक राष्ट्रव्यापी 90 दिवसीय पहल है। इसका उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों के समाधान में तेजी लाना है, साथ ही लागत-कुशल और समय बचाने वाले विवाद समाधान तंत्र के रूप में इसकी प्रभावशीलता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है। यह अभियान तालुका से लेकर उच्च न्यायालयों तक सभी न्यायालय स्तरों पर लागू किया जा रहा है और इसमें वैवाहिक, दुर्घटना, दीवानी, आपराधिक और उपभोक्ता विवादों जैसी पात्र श्रेणियों को शामिल किया गया है, जिसमें ऑनलाइन, ऑफलाइन और हाइब्रिड भागीदारी के तरीके उपलब्ध हैं। यह अभियान विवादों को सुलझाने, अदालतों पर बोझ कम करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में मध्यस्थता, संवाद और सहयोग की शक्ति को प्रदर्शित करता है।


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